प्राचार्य
स्कूल प्राचार्य का सन्देश
किसी देश का भविष्य दूसरों के हाथों में नहीं, बल्कि आज के छात्रों और विद्वानों में है।
डॉ एनी बेसेन्ट ने सुंदर टिप्पणी की, “एक राष्ट्र की नियति को उसके नवोदित युवाओं के भीतर मोड़ दिया जाता है जैसे कि पंखुड़ियों के पास गले में फूल। यही हमारे बच्चे को लगता है कि आज राष्ट्र दु: ख के बारे में सोचेगा
अब एक दिन हमारे बच्चों को आधुनिकता के तेजी से बढ़ते जल पर निर्दय नौकाओं की तरह उछाला जाता है। वे मंच पर आते हैं जहां वे यह तय करने में असमर्थ हो जाते हैं कि क्या गलत है और क्या सही है।
समाज में बढ़ते संकेत, नैतिक मूल्यों की हानि, किशोर अपराध में वृद्धि समाज में नैतिक मूल्यों की गिरावट के उदाहरण हैं।
जैसा कि विलियम वर्ड्सवर्थ कहते हैं, “जैसा कि एक टहनी मुड़ी हुई है, इसलिए पेड़ बढ़ेगा” यह नाजुक छात्रों के मामले में बहुत सच है। सहकारिता, स्वच्छता, साहस, भक्ति, ईमानदारी, कृतज्ञता, समयनिष्ठता, न्यायप्रियता, न्याय, दया, आज्ञाकारिता, सम्मान, देशभक्ति, ज्ञान के लिए क्वेस्ट जैसे शिक्षकों, माता-पिता, समाज और सभी का कर्तव्य है। , बूढ़े लोगों के लिए श्रद्धा, आत्म अनुशासन, आत्मनिर्भरता, समाज सेवा, सहिष्णुता, बच्चों के बीच अच्छा व्यवहार, राष्ट्र का भविष्य।
हमारे अथक प्रयास निश्चित रूप से केवी न्यू बोंगईगांव छात्रों के बीच उच्च नैतिक मूल्यों को पैदा करने और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में सक्षम होंगे।